Chapter 6 भक्ति – सूफी पंरपराएँ

Chapter 6 भक्ति – सूफी पंरपराएँ

12th Grade

20 Qs

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12th Grade

20 Qs

Chapter 6 भक्ति – सूफी पंरपराएँ

Chapter 6 भक्ति – सूफी पंरपराएँ

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12th Grade

Hard

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Manish Kumar

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20 questions

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. मणिक्वचक्कार तमिल में भक्तिगान की रचना करते थे।

2. देवी मारिची का संबंध जैन धर्म से था।

3. तांत्रिक पद्धति ने शैव तथा बौद्ध दर्शन को प्रभावित किया।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?

A

केवल 1

B

केवल 2

C

केवल 2 और 3

D

1, 2 और 3

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः

मणिक्वचक्कार शिव के अनुयायी थे और तमिल में भक्तिगान की रचना करते थे। अतः कथन 1 सही है।

मारिची देवी का संबंध बौद्ध धर्म से है। अतः कथन 2 गलत है।

अधिकांशतः देवी की आराधना पद्धति को तांत्रिक नाम से जाना जाता है। इस पद्धति से शैव तथा बौद्ध दोनों दर्शन प्रभावित हुए। अतः कथन 3 सही है।

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

निम्नलिखित कथनों में कौन-सा कथन सही नहीं है?

A

अलवार शिवभक्त थे, जबकि नयनार वैष्णव भक्त थे।

B

अलवारों तथा नयनारों का संबंध तमिल प्रदेश से था।

C

अलवार संतों द्वारा संकलित नलयिरादिव्यप्रबंधम् को तमिल वेद के रूप में जाना जाता है।

D

अप्पार संबंदर और सुंदरार की कविताएँ तवरम नाम से संकलित की गईं।

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः

प्रारम्भिक भक्ति आंदोलन अलवारों तथा नयनारों के नेतृत्व में हुआ। अलवार विष्णु भक्त थे, जबकि नयनार शिव भक्त थे, अतः कथन (a) गलत है। अन्य सभी कथन सही हैं।

उल्लेखनीय है कि अलवार तथा नयनार परंपरा की सबसे बड़ी विशेषता इनमें स्त्रियों की उपस्थिति थी। अंडाल (अलवार) तथा करइक्काल अम्मइयार (नयनार) प्रमुख महिला संत हुई।

‘तवरम’ में कविताओं का संगीत के आधार पर वर्गीकरण किया गया है।

शक्तिशाली चोल (नवीं से तेरहवीं शताब्दी) सम्राटों ने ब्राह्मणीय और भक्ति परम्परा को समर्थन दिया तथा विष्णु और शिव के मंदिरों के निर्माण के लिये भूमि-अनुदान दिये।

उदाहरण : चिदम्बरम्, तंजावुर और गंगैकोंड चोलपुरम् के विशाल मंदिरों का निर्माण चोल सम्राटों के अनुदान से संभव हुआ।

उल्लेखनीय है कि वेल्लाल किसानों (धनी) ने भी अलवार तथा नयनार कृषकों को सम्मानित किया।

परांतक प्रथम ने संत कवि अप्पार संबंदर और सुंदरार की धातु प्रतिमाएँ शिव मंदिर में स्थापित करवाई।

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. तमिल भक्ति रचनाओं की एक मुख्य विषय-वस्तु बौद्ध तथा जैन धर्म का विरोध था।

2. शैव, वैष्णव तथा अन्य धर्मों के मध्य राजकीय अनुदानों को लेकर प्रतिस्पर्द्धा थी।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A

केवल 1

B

केवल 2

C

1 और 2 दोनों

D

न तो 1 और न ही 2

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।

तमिल भक्ति रचनाओं में मुख्यतः जैन तथा बौद्ध धर्म का विरोध देखने को मिलता है।

इसके साथ ही उस समय परस्पर विरोधी धार्मिक समुदायों में राजकीय अनुदान को लेकर प्रतिस्पर्द्धा भी विद्यमान थी।

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

वीरशैव परंपरा का संबंध निम्नलिखित में से किस राज्य से है?

A

कर्नाटक

B

आंध्र प्रदेश

C

तमिलनाडु

D

केरल

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः 12वीं शताब्दी में बासवन्ना (1106-68) के नेतृत्व में कर्नाटक में वीरशैव परंपरा की नींव पड़ी। बासवन्ना प्रारंभ में जैन धर्म को मानते थे। ये चालुक्य राजा के दरबार में मंत्री थे। इनके अनुयायी वीरशैव (शिव के वीर) व लिंगायत (लिंग धारण करने वाले) कहलाए।

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. ‘जंगम’ शब्द राजा के सैनिकों के लिये प्रयुक्त किया जाता था।

2. वीरशैव मृतकों को विधिपूर्वक दफनाते थे।

3. लिंगायत पुनर्जन्म के सिद्धांत को नहीं मानते थे।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A

केवल 1

B

केवल 2

C

केवल 2 और 3

D

केवल 1 और 3

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः

‘जंगम’ शब्द का प्रयोग यायावर भिक्षुओं के लिये किया जाता था। अतः कथन 1 गलत है।

लिंगायत धर्मशास्त्र में बताए गए श्राद्ध संस्कार का पालन न करके मृतकों को विधिपूर्वक दफनाते थे। अतः कथन 2 सही है।

लिंगायतों ने जाति की अवधारणा और कुछ समुदायों के ‘दूषित’ होने की ब्राह्मणीय अवधारणा का विरोध किया तथा पुनर्जन्म के सिद्धांत पर भी प्रश्नवाचक चिन्ह लगाया। सामाजिक व्यवस्था में गौण स्थान पाने वाले लोग इसमें शामिल हुए। अतः कथन 3 सही है।

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये:

1. उलमा : इस्लाम धर्म के ज्ञाता

2. जिम्मी : इस्लाम को न मानने वाले

3. शरिया : मुस्लिम समुदाय को निर्देशित करने वाला कानून

4. खोजकी : प्रवासी समुदायों के लिये सामान्य शब्द

उपर्युक्त युग्मों में कौन-से सही सुमेलित हैं?

A

केवल 1 और 2

B

केवल 2 और 3

C

केवल 1, 2 और 3

D

केवल 1, 2 और 4

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः युग्म 1, 2 और 3 सही सुमेलित हैं जबकि युग्म 4 सही सुमेलित नहीं है।

उलमा - (आलिम का बहुवचन)- इस्लाम धर्म के ज्ञाता थे। वे धार्मिक, कानूनी तथा अध्ययन संबंधी ज़िम्मेदारी निभाते थे।

जिम्मी- जिम्मी संरक्षित श्रेणी थी, इसमें वे लोग आते थे जो इस्लाम को नहीं मानते थे, जैसे इस्लामी शासकों के क्षेत्र में रहने वाले यहूदी और ईसाई। ये लोग जज़िया नामक कर चुकाकर मुसलमान शासकों द्वारा संरक्षण दिये जाने के अधिकारी हो जाते थे। भारत में इसके अंतर्गत हिन्दुओं को भी शामिल कर लिया गया।

शरिया- शरिया मुसलमान समुदाय को निर्देशित करने वाला कानून है। यह कुरान शरीफ और हदीस पर आधारित है। हदीस का अर्थ है पैगम्बर मोहम्मद साहब से जुड़ी परंपराएँ, जिनके अंतर्गत उनके स्मृत शब्द तथा क्रियाकलाप आते हैं। अरब क्षेत्र से बाहर कियास (सदृशता के आधार पर तर्क) और इजमा (समुदाय की सहमति) को भी कानून का स्रोत माना जाने लगा।

खोजकी- खोजकी लिपि है, जिसका प्रयोग व्यापारी करते थे। इसका उद्भव स्थानीय लंडा अर्थात् व्यापारियों की संक्षिप्त लिपि से हुआ है। पंजाब,सिंध और गुजरात के खोजा लोग लंडा का

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

शाह हमदान मस्जिद’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:

1. यह कश्मीर में है।

2. यह कश्मीरी लकड़ी के स्थापत्य का उत्कृष्ट उदाहरण है।

3. इसे पेपरमैशी से सजाया गया है।

उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?

A

केवल 1

B

केवल 1 और 2

C

केवल 3

D

1, 2 और 3

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।

श्रीनगर की झेलम नदी के किनारे पर बनी शाह हमदान मस्जिद कश्मीर की सभी मस्जिदों में ‘मुकुट का नगीना’ समझी जाती है।

इसका निर्माण 1395 ई. में हुआ। यह कश्मीरी लकड़ी की स्थापत्य का सर्वोत्तम उदाहरण है। इसके शिखर और नक्काशीदार छज्जे पेपरमैशी से सजाए गए हैं।

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