Chapter 6 भू – आकृतिक प्रक्रियाएँ

Chapter 6 भू – आकृतिक प्रक्रियाएँ

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Chapter 6 भू – आकृतिक प्रक्रियाएँ

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13 questions

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1.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

भौतिक अपक्षय प्रक्रियाओं के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः

1. भौतिक अपक्षय प्रक्रियाएँ तापीय विस्तारण एवं दबाव के निर्मुक्त होने के कारण होती हैं।

2. इस अपक्षय प्रक्रिया के कारण शैलों को बड़ी मात्रा में हानि पहुँचती है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

केवल 2

1 और 2 दोनों

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं।

भौतिक या यांत्रिक अपक्षय प्रक्रियाएँ कुछ अनुप्रयुक्त बलों पर निर्भर करती हैं। ये अनुप्रयुक्त बल निम्नलिखित हो सकते हैं-

1. गुरुत्वाकर्षण बल।

2. तापक्रम में परिवर्तन, क्रिस्टल रवों में वृद्धि एवं पशुओं के क्रियाकलापों के कारण उत्पन्न विस्तारण (Expansion) बल।

3. शुष्कन एवं आर्द्रन चक्रों से नियंत्रित जल का दबाव।

इनमें से कई बल विभिन्न धरातलीय पदार्थों के अंदर अनुप्रयुक्त होते हैं जिसका परिणाम शैलों का विभंग (Fracture) होता है। भौतिक अपक्षय प्रक्रिया अधिकांशतः तापीय विस्तारण एवं दबाव के निर्मुक्त होने के कारण होती है। ये प्रक्रियाएँ लघु एवं मंद होती हैं परंतु कई बार संकुचन एवं विस्तारण के कारण शैलों के सतत् श्रांति (Fatigue) के फलस्वरूप शैलों को बड़ी हानि पहुँचाती है।

2.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

मृदा निर्माण की जैविक क्रिया से संबंधित नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः

1. ठंडे जलवायु प्रदेश में तीव्र बैक्टीरियल वृद्धि होने के कारण मृदा में ह्यूमस की कमी हो जाती है।

2. भूमध्यरेखीय जलवायु में बैक्टीरियल क्रियाएँ धीमी होने के कारण मृदा में ह्यूमस एकत्रित होता रहता है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

केवल 2

1 और 2 दोनों

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं।

ठंडी जलवायु में ह्यूमस एकत्रित होता है, क्योंकि यहाँ बैक्टीरियल वृद्धि धीमी होती है। उप-आर्कटिक एवं टुंड्रा जलवायु में निम्न बैक्टीरियल क्रियाओं के कारण अवियोजित जैविक पदार्थों के साथ पीट (Peat) के संस्तर विकसित होते हैं।

आर्द्र, उष्ण एवं भूमध्यरेखीय जलवायु में बैक्टीरियल वृद्धि एवं क्रियाएँ सघन होती हैं तथा मृदा वनस्पति शीघ्रता से ऑक्सीकृत हो जाती है जिससे मृदा में ह्यूमस की मात्रा बहुत कम रह जाती है।

3.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

मृदा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः

1. मृदा में जैविक क्रिया बंद हो जाती है, यदि मृदा बहुत ज़्यादा शुष्क या ठंडी हो।

2. मृदा, जलवायु की दशाओं, भू-आकृतियों एवं वनस्पतियों के साथ अनुकूलित होती रहती है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

केवल 1

केवल 2

1 और 2 दोनों

न तो 1 और न ही 2

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं।

मृदा एक परिवर्तनशील एवं विकासोन्मुख तत्त्व है। मृदा की बहुत सी विशेषताएँ मौसम के साथ बदलती रहती हैं। यह वैकल्पिक रूप से ठंडी और गर्म या शुष्क एवं आर्द्र हो सकती है। यदि मृदा बहुत अधिक शुष्क होती है तो जैविक क्रिया मंद या बंद हो जाती है।

मृदा, जलवायु की दशाओं, भू-आकृतियों एवं वनस्पतियों के साथ अनुकूलित होती रहती है, क्योंकि मृदा का रसायन, उसमें जैव पदार्थ की मात्रा, पेड़-पौधे और प्राणिजात, तापक्रम और नमी, सभी मौसम के साथ तथा निर्माण की कालावधि के साथ परिवर्तित हो जाते हैं।

4.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

मृदा निर्माण सर्वप्रथम निर्भर करती है-

अपक्षय

भूस्खलन

अपरदन

बृहत् संचलन

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः मृदा निर्माण या मृदाजनन सर्वप्रथम अपक्षय पर निर्भर करती है। यह अपक्षीय प्रावार (अपक्षयी पदार्थ की गहराई) ही मृदा निर्माण का मूल निवेश होता है।

5.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

कथनः हिमालय पर्वत शृंखला में प्रायः मलवा अवधाव एवं भूस्खलन की घटनाएँ घटित होती रहती हैं।

कारणः हिमालय पर्वत शृंखला कठोर शैलों से निर्मित है।

A

कथन सही है, कारण भी सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।

B

कथन सही है, कारण भी सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या नहीं करता है।

C

कथन सही है, किन्तु कारण गलत है।

D

कथन गलत है, किन्तु कारण सही है।

A

B

C

D

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

भूमिगत गुफाओं का निर्माण किस प्रकार की अपक्षय प्रक्रिया के फलस्वरूप होता है?

A

रासायनिक अपक्षय

B

भौतिक अपक्षय या यांत्रिक अपक्षय

C

जैविक अपक्षय

D

रासायनिक एवं जैविक अपक्षय

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः

अपक्षय के अंतर्गत वायुमंडलीय तत्त्वों की धरातल के पदार्थों पर की गई क्रिया सम्मिलित होती है। अपक्षय प्रक्रियाओं के तीन प्रकार प्रमुख हैं- (1) रासायनिक (2) भौतिक या यांत्रिक (3) जैविक।

अपक्षय प्रक्रियाओं का एक समूह जैसे कि विलयन, कार्बोनीकरण, जलयोजन, ऑक्सीकरण एवं न्यूनीकरण, रासायनिक अपक्षय प्रक्रियाओं के अंतर्गत शामिल किये जाते हैं।

भूमिगत गुफाओं का निर्माण कार्बोनेशन का प्रक्रिया के फलस्वरूप होता है जो कि एक रासायनिक अपक्षय प्रक्रिया है। कार्बोनेट एवं बाई कार्बोनेट की खनिजों से प्रतिक्रिया का प्रतिफल कार्बोनेशन कहलाता है।

7.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

30 sec • 1 pt

जलयोजन जो कि एक रासायनिक अपक्षय की प्रक्रिया है के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः

1. जलयोजन की प्रक्रिया शैलों के विघटन में सहायता करती है।

2. यह प्रक्रिया खनिजों के भौतिक अपक्षय में सहायता प्रदान करती है।

उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?

A

केवल 1

B

केवल 2

C

1 और 2 दोनों

D

न तो 1 और न ही 2

A

B

C

D

Answer explanation

Explanation

व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन सत्य हैं।

जलयोजन, जल का रासायनिक योग है। खनिज स्वयं जल धारण करके विस्तारित हो जाते हैं एवं यह विस्तार पदार्थ के आयतन (Volume) अथवा शैल में वृद्धि का कारण बनता है। कैल्शियम सल्फेट जल मिलने के बाद जिप्सम में परिवर्तित हो जाता है जो कैल्शियम सल्फेट की अपेक्षा अधिक अस्थायी होता है। यह प्रतिक्रिया उत्क्रमणीय एवं लंबी होती है तथा इसके सतत् पुनरावृत्ति से शैलों में श्रांति हो जाती है, जिसके फलस्वरूप उनमें विघटन हो सकता है। रंध्र क्षेत्र में समाहित लवण तीव्र एवं बार-बार जलयोजन से प्रभावित होकर शैल विभंग में सहायक होता है।

जलयोजन के कारण खनिजों के आयतन में परिवर्तन अपशल्कन (Exfoliation) एवं कणीय विघटन द्वारा भौतिक अपक्षय में सहायता प्रदान करती है।

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