Bhagavad Gita As It Is DAY-62 (17.17-25)

Bhagavad Gita As It Is DAY-62 (17.17-25)

KG - Professional Development

15 Qs

quiz-placeholder

Similar activities

Bhagavad Gita As It Is DAY-19 (4.20-29)

Bhagavad Gita As It Is DAY-19 (4.20-29)

KG - Professional Development

20 Qs

Bhagvad Gita

Bhagvad Gita

1st Grade - Professional Development

20 Qs

प्रतियोगिता १४०७२०२१

प्रतियोगिता १४०७२०२१

Professional Development

15 Qs

Pratiyogita 030721

Pratiyogita 030721

Professional Development

15 Qs

140821

140821

Professional Development

12 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-59 (16.11-20)

Bhagavad Gita As It Is DAY-59 (16.11-20)

KG - Professional Development

18 Qs

स्वामी विवेकनंद प्रश्नोत्तरी-1

स्वामी विवेकनंद प्रश्नोत्तरी-1

1st - 12th Grade

20 Qs

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 55-56)

Kṛṣṇa Book Practice Quiz (Chapter 55-56)

KG - Professional Development

19 Qs

Bhagavad Gita As It Is DAY-62 (17.17-25)

Bhagavad Gita As It Is DAY-62 (17.17-25)

Assessment

Quiz

Life Skills, Philosophy, Special Education

KG - Professional Development

Easy

Created by

Keśava Kṛṣṇa Dāsa

Used 11+ times

FREE Resource

15 questions

Show all answers

1.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

किन के द्वारा किये जाने पर मन, वाणी, शरीर की यह तीन प्रकार की तपस्या सात्त्विक तपस्या कहलाती है? (17.17)

फलाकाङ्क्षिभिः - भौतिक लाभ की इच्छा करने वाले

युक्तैः - केवल परमेश्वर में प्रवृत्त मनुष्यों द्वारा

श्रद्धया परया - दिव्य श्रद्धा से संपन्न

2.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

राजसी तपस्या के क्या लक्षण होते हैं? (17.18)

सम्मान, सत्कार एवं पूजा कराने के लिए की जाती है

इसके फल शाश्वत हैं, हमेशा तक रहते हैं

दंभपूर्वक सम्पन्न की जाती है

राजसी तपस्या और इसके फल कभी स्थायी नहीं होते

3.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

कैसी तपस्या तामसी कहलाती है? (17.19)

मूर्खतावश

आत्म-उत्पीड़न के लिए

अन्यों को विनष्ट करने के लिए

हानि पहुँचाने के लिए

किसी असम्भव वस्तु के लिए

4.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

Media Image

कैसा दान सात्त्विक माना जाता है? (17.20)

वैदिक साहित्य में अविचार पूर्ण दान की संस्तुति है

ऐसे व्यक्ति को जो आध्यात्मिक कार्यों में लगा हो

किसी प्रकार की प्राप्ति की अभिलाषा न रखते हुए

तीर्थ स्थान में, सूर्य-चन्द्रग्रहण के समय, मन्दिर में

आध्यात्मिक सिद्धि के लिए कर्त्तव्य समझकर

5.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

योग्य (पात्र) न होने पर भी यदि करुणावश निर्धन को दान दिया जाए तो वह कैसा है? (17.20)

योग्य हो या अयोग्य, निर्धन को दान - महादान

तीव्रता से आध्यात्मिक प्रगति होती है

उससे आध्यात्मिक प्रगति नहीं होती

उसके आशीर्वाद से भौतिक लाभ मिलता है

6.

MULTIPLE CHOICE QUESTION

5 mins • 1 pt

वैदिक शास्त्र कैसे दान की संस्तुति करते हैं? (17.21)

सतोगुणी

रजोगुणी

तमोगुणी

7.

MULTIPLE SELECT QUESTION

5 mins • 1 pt

किस प्रकार किया गया दान राजसी नहीं कहलाता? (17.21)

पश्चाताप कि मैंने इतना व्यय इस तरह क्यों किया

उन संस्थाओं को जहाँ इन्द्रियभोग का बाजार गर्म है

स्वर्ग जाने हेतु प्रत्युपकार या कर्म फल की इच्छा से

अपने वरिष्ठजनों के दबाव में आकर अनिच्छापूर्वक

कर्त्तव्य-भाव से आध्यात्मिक लाभ हेतु भक्त को

Create a free account and access millions of resources

Create resources
Host any resource
Get auto-graded reports
or continue with
Microsoft
Apple
Others
By signing up, you agree to our Terms of Service & Privacy Policy
Already have an account?